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कोरी आलोचना (पीयू शताब्दी समारोह)

रवीश जी मैं आपका फैन हूँ आप जिस तरह से अपने कथा (कथा इसलिए कि न्यूज़ में तो निष्पक्षता और पूरी जानकारी रहती है)की शुरुआत करते हैं वो वाकई बेहतरीन है। मगर अब आप पर उम्र का असर होने लगा है शायद।पटना कॉलेज के शताब्दी समारोह को लेकर जो आपने प्राइम टाइम में भाषण दिया ( बिना उस विश्वविद्यालय के छात्र रहे हुए ) वो यकीनन मोदी जी के टक्कर का था। आपने जो कहा उसे मैं सहमत हूँ लेकिन सर आप ये तो मानते हैं ना कि अल्प ज्ञान खतरनाक होता है।आपके और आपके फॉलोवर्स के लिए बता दूँ कि बिहार के विश्वविद्यालयों में अध्यापकों की बहाली का जिम्मा केंद्र सरकार के पास नहीं वो राज्य सरकार का काम है। आपको ज्ञात होगा कि बिहार के कालेजों में वर्ष 1996 के बाद से ही अध्यापकों की बहाली कम होने लगी। थी जबकि उनकी बहाली हर दो साल पर होनी चाहिए थी। दूसरी बात रही कि पीएम को पीयू की बदहाली के वक़्त उसका दौरा करने चाहिए या नहीं तो आप ये बताइये कि आप झाड़ू कहाँ लगते हैं जहाँ गंदी हो वहां या जो पहले से साफ हो वहाँ।आपके सवाल से तो लगा कि आप साफ जहगों पर झाड़ू चलाने में भरोसा करते हैं बजाय गंदी को साफ करने के।इससे इतर आपने बिहारियों स